सत्ता से बेदखल होते ही कांग्रेस उन 24 सीटों की ब्यूह रचना बनाने में अभी से जुट गई है, जहां उपचुनाव होंगे। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को ही प्रदेशाध्यक्ष बनाए रखने के लिए पार्टी एक मत है। इधर, नेता प्रतिपक्ष के लिए नाम खंगालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। आगामी दिनों में जिन 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होंगे, उनमें 18 ग्वालियर-चंबल की हैं। पार्टी सूत्रों के हिसाब से नेता प्रतिपक्ष का चयन उपचुनाव को देखते हुए किए जाने की संभावना है। इसके लिए वरिष्ठ विधायकों में से डॉ. गोविंद सिंह, सज्जन सिंह वर्मा व बाला बच्चन के नाम पर विचार किया जा रहा है।
नेता प्रतिपक्ष चयन कराने पर बनी सहमति
बाला बच्चन 1993 में पहली बार विधायक बने, लेकिन वे विधानसभा में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष रहे सत्यदेव कटारे का स्वास्थ्य खराब होने के दौरान डेढ़ साल तक उप नेता प्रतिपक्ष रहते हुए नेता प्रतिपक्ष का प्रभार संभाल चुके हैं। मार्च 2017 में जब अजय सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाया था, तब भी बाला बच्चन का नाम नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में था। पिछले दिनों पार्टी नेताओं की बैठक में भी आम सहमति बनी है कि नेता प्रतिपक्ष का चयन जल्दी कर लिया जाए। उप चुनाव लड़ने वाले केंडिंडेट के नाम भी दो महीने पहले ही घोषित कर दिए जाएं।
अब नए चेहरे की तलाश
डॉ. गोविंद सिंह को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के पीछे पार्टी नेताओं का तर्क है कि चूंकि प्रदेश में जिन 24 विस क्षेत्र में चुनाव होना है, उनमें 18 ग्वालियर-अंचल की हैं। कांग्रेस से वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा मे शामिल होने के बाद इस क्षेत्र में पार्टी ऐसे चेहरे की तलाश है, जो सिंधिया को टक्कर दे सके। इस हिसाब से विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक डॉ. गोविंद सिंह का नाम ऐसा है, जिसका इस क्षेत्र में खासा प्रभाव है। ग्वालियर-चंबल से अनुसूचित जाति वर्ग से फूल सिंह बरैया को पार्टी ने राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया है। डॉ. गोविंद सिंह, अशोक सिंह और फूल सिंह बरैया ग्वालियर- मुरैना बैल्ट के उप चुनाव में ताकत झौंकेंगे।